बैंकॉक, थाईलैंड (28 मार्च 2025) – थाईलैंड और म्यांमार के बॉर्डर पर 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी। इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में था, लेकिन इसके प्रभाव थाईलैंड, भारत, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किए गए।
भूकंप का असर: जान-माल की भारी क्षति
थाईलैंड में बैंकॉक, चियांग माई और फुकेत जैसे प्रमुख शहरों में तेज झटके महसूस किए गए, जिससे हजारों लोग अपने घरों से बाहर भागे। बैंकॉक के सुकुमवित इलाके में एक 30-मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग लापता हैं।
सरकार ने आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी है और राहत एवं बचाव कार्य तेज़ कर दिए गए हैं।
म्यांमार में भीषण तबाही
भूकंप का केंद्र म्यांमार में होने के कारण वहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंडाले और सागाइंग क्षेत्र में कई ऐतिहासिक इमारतें ढह गईं और कई गांवों में भयंकर तबाही मची।
म्यांमार की सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवीय सहायता की अपील की है।
बचाव और राहत कार्य जारी
थाईलैंड और म्यांमार की सरकारों ने आपातकालीन बचाव दलों को तैनात कर दिया है। बैंकॉक में रेड क्रॉस, फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
हवाई अड्डों पर अलर्ट – बैंकॉक के सुवर्णभूमि और डॉन मुआंग एयरपोर्ट पर उड़ानें अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं।
शेयर बाजार प्रभावित – थाईलैंड स्टॉक एक्सचेंज (SET) ने अस्थायी रूप से ट्रेडिंग रोक दी है।
अस्पतालों में आपातकाल – घायलों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
स्थानीय नागरिकों के लिए सुरक्षा निर्देश
थाईलैंड की आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने नागरिकों के लिए निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं:
1. खुले स्थान पर रहें – ऊंची इमारतों, पुलों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
2. आफ्टरशॉक्स से सतर्क रहें – विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटे में और भी झटके आ सकते हैं।
3. आपातकालीन किट तैयार रखें – पानी, टॉर्च, फर्स्ट-एड, और ज़रूरी दस्तावेज अपने पास रखें।
4. सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें – स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम के निर्देशों पर अमल करें।
5. सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें – केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
भूकंप का वैज्ञानिक विश्लेषण
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, यह भूकंप थाईलैंड-म्यांमार फॉल्ट लाइन के कारण आया है, जो इस क्षेत्र में कई वर्षों से सक्रिय है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस भूकंप के बाद 6.0 से 6.5 तीव्रता तक के आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं।
सरकार के प्रयास और भविष्य की रणनीति
थाईलैंड और म्यांमार सरकारें इस आपदा से निपटने के लिए संयुक्त रूप से राहत कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने नागरिकों को आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और मलबा हटाने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
थाईलैंड में भूकंपरोधी निर्माण नियमों को सख्त किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं से नुकसान कम हो सके।
निष्कर्ष
थाईलैंड और म्यांमार में आए इस भीषण भूकंप ने हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। बचाव दल तेजी से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन नुकसान की सही तस्वीर सामने आने में अभी समय लगेगा।
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