29 मार्च 2025 को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा, जो खगोलीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह ग्रहण कई देशों में आंशिक और पूर्ण रूप से दिखाई देगा, जिससे वैज्ञानिकों, ज्योतिषियों और आम जनता की उत्सुकता बढ़ गई है।
🌞 सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025: समय और दृश्यता
इस दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और अटलांटिक महासागर के कुछ भागों में देखा जाएगा। भारत में यह आंशिक रूप से दिखाई जाएगा, जिसका प्रभाव ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण होगा।
ग्रहण प्रारंभ: दोपहर 12:30 बजे (IST)
पूर्ण ग्रहण: दोपहर 2:15 बजे (IST)
ग्रहण समाप्ति: शाम 4:00 बजे (IST)
🔮 ज्योतिषीय प्रभाव
भारतीय ज्योतिष में सूर्य ग्रहण का गहरा असर माना जाता है। यह ग्रहण मीन राशि में लगेगा, जिससे मीन, कन्या, धनु और मिथुन राशि वालों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
⚠️ सावधानियाँ और उपाय
✅ गर्भवती महिलाएं इस दौरान घर के अंदर रहें।
✅ ग्रहण के समय भोजन करने से बचें।
✅ सूतक काल में पूजा-पाठ न करें, लेकिन ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान कर दान करें।
बैंकॉक, थाईलैंड (28 मार्च 2025) – थाईलैंड और म्यांमार के बॉर्डर पर 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी। इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में था, लेकिन इसके प्रभाव थाईलैंड, भारत, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किए गए।
भूकंप का असर: जान-माल की भारी क्षति
थाईलैंड में बैंकॉक, चियांग माई और फुकेत जैसे प्रमुख शहरों में तेज झटके महसूस किए गए, जिससे हजारों लोग अपने घरों से बाहर भागे। बैंकॉक के सुकुमवित इलाके में एक 30-मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग लापता हैं।
सरकार ने आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी है और राहत एवं बचाव कार्य तेज़ कर दिए गए हैं।
म्यांमार में भीषण तबाही
भूकंप का केंद्र म्यांमार में होने के कारण वहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंडाले और सागाइंग क्षेत्र में कई ऐतिहासिक इमारतें ढह गईं और कई गांवों में भयंकर तबाही मची।
म्यांमार की सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवीय सहायता की अपील की है।
बचाव और राहत कार्य जारी
थाईलैंड और म्यांमार की सरकारों ने आपातकालीन बचाव दलों को तैनात कर दिया है। बैंकॉक में रेड क्रॉस, फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
हवाई अड्डों पर अलर्ट – बैंकॉक के सुवर्णभूमि और डॉन मुआंग एयरपोर्ट पर उड़ानें अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं।
शेयर बाजार प्रभावित – थाईलैंड स्टॉक एक्सचेंज (SET) ने अस्थायी रूप से ट्रेडिंग रोक दी है।
अस्पतालों में आपातकाल – घायलों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
स्थानीय नागरिकों के लिए सुरक्षा निर्देश
थाईलैंड की आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने नागरिकों के लिए निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं:
1. खुले स्थान पर रहें – ऊंची इमारतों, पुलों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
2. आफ्टरशॉक्स से सतर्क रहें – विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटे में और भी झटके आ सकते हैं।
3. आपातकालीन किट तैयार रखें – पानी, टॉर्च, फर्स्ट-एड, और ज़रूरी दस्तावेज अपने पास रखें।
4. सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें – स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम के निर्देशों पर अमल करें।
5. सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें – केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
भूकंप का वैज्ञानिक विश्लेषण
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, यह भूकंप थाईलैंड-म्यांमार फॉल्ट लाइन के कारण आया है, जो इस क्षेत्र में कई वर्षों से सक्रिय है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस भूकंप के बाद 6.0 से 6.5 तीव्रता तक के आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं।
सरकार के प्रयास और भविष्य की रणनीति
थाईलैंड और म्यांमार सरकारें इस आपदा से निपटने के लिए संयुक्त रूप से राहत कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने नागरिकों को आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और मलबा हटाने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
थाईलैंड में भूकंपरोधी निर्माण नियमों को सख्त किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं से नुकसान कम हो सके।
निष्कर्ष
थाईलैंड और म्यांमार में आए इस भीषण भूकंप ने हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। बचाव दल तेजी से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन नुकसान की सही तस्वीर सामने आने में अभी समय लगेगा।
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नई दिल्ली/ढाका, 25 मार्च 2025: बांग्लादेश इस समय अपने सबसे बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। हाल ही में हुए चुनावों के बाद से देश में विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं, और अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि सेना को सड़कों पर उतरना पड़ा है। ढाका, चटगांव और अन्य प्रमुख शहरों में गश्त बढ़ा दी गई है, जबकि सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं।
क्या बांग्लादेश एक और बड़े राजनीतिक संकट की ओर बढ़ रहा है? या यह लोकतंत्र की रक्षा के लिए किया जा रहा एक आंदोलन है? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
📌 विरोध की असली वजह क्या है?
इस पूरे संकट की जड़ हाल ही में हुए आम चुनाव हैं, जिनमें प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने जीत हासिल की थी। लेकिन विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और कई अन्य गुटों ने चुनाव को धांधली से भरा बताया।
🔥 मुख्य कारण:
✔ चुनाव में धांधली के आरोप – विपक्ष का दावा है कि मतदान निष्पक्ष नहीं था।
✔ राजनीतिक दमन – BNP के कई वरिष्ठ नेताओं को जेल भेज दिया गया।
✔ छात्रों का असंतोष – विश्वविद्यालयों में भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं।
BNP समर्थकों और छात्रों का कहना है कि वे “लोकतंत्र बचाने” के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
“हम सरकार से सिर्फ निष्पक्ष चुनाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमें दमन का सामना करना पड़ रहा है,” – एक प्रदर्शनकारी छात्र
सेना की सख्ती और कर्फ्यू जैसे हालात
जैसे-जैसे प्रदर्शन हिंसक होते जा रहे हैं, बांग्लादेश की सेना को गश्त बढ़ाने का आदेश दिया गया है।
🔴 क्या हो रहा है सड़कों पर?
✔ ढाका और अन्य शहरों में भारी पुलिस बल तैनात।
✔ कई जगहों पर इंटरनेट सेवाएं ठप, ताकि प्रदर्शनकारी संगठित न हो सकें।
✔ प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और लाठीचार्ज किया गया।
✔ धारा 144 लागू – सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध।
“अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो यह विरोध गृहयुद्ध का रूप ले सकता है,” – एक राजनीतिक विश्लेषक
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत और UN की नजरें टिकीं
बांग्लादेश में बढ़ते राजनीतिक तनाव को लेकर भारत, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है।
✔ संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह “लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा” के लिए बांग्लादेश सरकार और विपक्ष से संवाद की अपील करता है।
✔ अमेरिका ने नागरिक अधिकारों के हनन पर सवाल उठाए हैं।
✔ भारत भी स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है, क्योंकि बांग्लादेश में अस्थिरता का असर भारत-बांग्लादेश व्यापार और सीमा सुरक्षा पर पड़ सकता है।
भारत-बांग्लादेश व्यापार: भारत हर साल बांग्लादेश को 10 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करता है। अगर यह संकट लंबा चला, तो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
आगे क्या होगा?
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि “कानून-व्यवस्था हर हाल में बनाए रखी जाएगी,” जबकि विपक्ष ने आंदोलन को और तेज़ करने की चेतावनी दी है।
📌 अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो आपातकाल लागू किया जा सकता है।
📌 विपक्ष ने अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है।
📌 आने वाले दिनों में राजनीतिक वार्ता या हिंसा में वृद्धि – दोनों संभावनाएं बनी हुई हैं।
क्या बांग्लादेश इस संकट से निकल पाएगा, या यह देश को और गहरे संकट में धकेल देगा? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।
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📢 निष्कर्ष
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है। विपक्ष और सरकार के बीच की लड़ाई अब सड़कों पर आ चुकी है। सेना की तैनाती, विरोध प्रदर्शन, और इंटरनेट बंदी से यह संकट और गहरा सकता है। क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई है, या बांग्लादेश एक बड़े परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है?
✈️ बेंगलुरु एयरपोर्ट पर बारिश की मार, यात्रियों को भारी परेशानी
बेंगलुरु में बीते 24 घंटों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस बारिश का सबसे ज्यादा असर केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) पर पड़ा, जहां कई उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि कुछ विमानों को दूसरे हवाई अड्डों पर मोड़ना पड़ा।
➡ मुख्य बातें:
✔ भारी बारिश के कारण 10 से अधिक उड़ानें रद्द
✔ 15 से ज्यादा उड़ानों का मार्ग बदला गया, कई को चेन्नई और हैदराबाद डायवर्ट किया गया
✔ रनवे पर पानी भरने के कारण उड़ानों में औसतन 1-2 घंटे की देरी
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⛈️ क्यों हो रही है बेंगलुरु में इतनी बारिश?
भारत के मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण भारत में सक्रिय निचला दबाव क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भारी बारिश का मुख्य कारण है। IMD ने अगले 48 घंटों तक और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हवाई यातायात में और बाधा आ सकती है।
🔹 IMD की चेतावनी:
अगले 24 घंटों में तेज आंधी और गरज के साथ बारिश
यात्रियों को सतर्क रहने और अपनी उड़ानों की स्थि
ति जांचने की सलाह
✈️ उड़ानों पर असर: यात्रियों को हुई परेशानी
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उड़ानों में देरी और रद्द होने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोग जो व्यापार या व्यक्तिगत यात्राओं के लिए उड़ान भरने वाले थे, वे फंसे रह गए।
💬 यात्रियों की प्रतिक्रिया:
> “मेरी फ्लाइट रात 10 बजे की थी, लेकिन अचानक कैंसिल हो गई। एयरलाइन ने कोई सही जानकारी नहीं दी, जिससे बहुत परेशानी हुई।” – अजय वर्मा, यात्री
> “बारिश तो होती रहती है, लेकिन इस बार व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। हवाई अड्डे पर जगह-जगह पानी भरा हुआ था।” – श्वेता अग्रवाल, यात्री
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🛫 एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी का बयान
बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) और प्रमुख एयरलाइंस ने यात्रियों से धैर्य रखने की अपील की है।
📢 BIAL का बयान:
> “हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उड़ानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। सभी यात्रियों को एयरलाइन से संपर्क कर अपडेट लेते रहना चाहिए।”
✍️ एयरलाइंस का सुझाव:
✔ यात्रा से पहले फ्लाइट स्टेटस चेक करें
✔ संभव हो तो फ्लाइट रीशेड्यूल करवाएं
✔ एयरपोर्ट पर समय से पहले पहुंचें
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🌧️ बेंगलुरु में बारिश का अगला अलर्ट
IMD के अनुसार, अगले दो दिनों तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
🚨 क्या करें और क्या न करें:
✔ फ्लाइट से पहले वेदर अपडेट चेक करें
✔ बारिश में सफर करने से बचें
✔ अधिक जानकारी के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की वेबसाइट या एयरलाइन की हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें